उत्तराधिकारी राज्य जो मुगल साम्राज्य के प्रत्यक्ष नियंत्रण से छूट गए जैसे अवध बंगाल हैदराबाद- स्वतन्त्र राज्य जो प्रमुख रूप से मुगल साम्राज्य का प्रान्तों पर नियन्त्रण में कमी के कारण सामने आए मैसूर केरल राजपूत राज्य
- मुगलों के विरूद्ध विद्रोहियों द्वारा स्थापित नए राज्य जैसे मराठा राज्य पंजाब राज्य जाट राज्य
क्लिंच ख़ा निजामुलमुल्क मुगल सम्राट से नाराज था जिसे दक्षिण के वायसराय के रूप में मुबारिज खान को नियुक्त किया था उन्होंने मुबारिज खान की हत्या की और वायसराय बन गया और आसव झांकी पदवीग्रहण की
अवध
स्वतन्त्र रियासत की स्थापना सादतखान (बुरहानुलमुल्क) ने की थी सादतखान शिया थे
बंगाल
मुर्शिदकुलीख़ाँ बंगाल के स्वतन्त्र राज्य के संस्थापक थे( सुजाउद्दीन - सरफराज खान अलीवर्दी ख़ाँ )
राजपूत
राजपूतों ने अपनी स्वतंत्रता अठारहवीं सदी में फिर से स्थापित करने का प्रयास किया
मैसूर
अठारहवीं सदी में मैसूर हैदर अली के शासन में आया
केरल
मार्तण्ड वर्मा ने स्वतन्त्र केरल की स्थापना की
जाट
चूरामन और बदन सिंह ने भरतपुर के जाट राज्य की स्थापना में सफलता पाई
सिख
रंजीत सिंह ने पंजाब को मज़बूत राज्य के रूप में स्थापित किया (शुकरचकिया मिसल )
मराठा
पेशवाओं के सुयोग्य नेतृत्व में मराठा ने मालवा और गुजरात से मुगल सत्ता का ह्रास किया और अपना शासन स्थापित किया
रोहिलखण्ड
अली मोहम्मद खान अफ़ग़ानी ने रोहिलखण्ड की स्थापना की
Nature and limitation of regional states
- इन राज्यों की राजनीति क्षेत्रीय थी और वह ज़मींदारों व्यापारियों स्थानीय दरबारी और सरदारों जैसे विभिन्न स्थानीय समूहों के सहयोग से सक्रिय थी
- अन्य क्षेत्रीय शक्ति साथ लगातार युद्ध
- प्रान्तीय शासक मजबूत वित्तीय प्रशासनिक और सैन्य संगठन पर आधारित 1 प्रणाली विकसित करने में सफल रहे
- अठारहवीं शताब्दी का भारत पर्याप्त गति से सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से प्रगति करने में विफल रहा
- तकनीकी रूप से पिछड़ी कड़ी मेहनत लेकिन कम कमाई
- हस्त शिल्प और कृषि उत्पादों में आत्मनिर्भर
- निर्यात आयात की उपेक्षा अधिक था
- जहाज निर्माण उद्योग विकसित
- पाठशाला और मकतब के माध्यम से प्राथमिक शिक्षा दी गई
- विज्ञान और प्रौद्योगिकी और भूगोल के अध्ययन की अनुपस्थिति
- शिक्षा साहित्य कानून धर्म दर्शन तक ही सीमित थी
- हिन्दुओं में चतुष्पातिस टॉल्स और मुसलमानों के बीच मदरसा शिक्षा के संस्थान थे
- पुरुष प्रधान
- हिन्दू अलग अलग जातियों विभाजित थे (पंचायत में जाति के नियमों को लागू करते थे)
- मुसलमान जाति जनजाति और हैसियत के हिसाब से बंटे हुए थे हालांकि उनके धर्म ने समानता का प्रचार किया
- पर्दा सती बाल विवाह बहुविवाह प्रथा के कारण स्त्रियों की प्रगति में रूकावट पहुंची
- बंगाल और राजपूतों में दहेज काफी प्रचलित था
- आर्थिक संकट अकाल और प्राकृतिक आपदाओं के कारण दासता काफी देखी जाती थी
- मुगलों के कमज़ोर पड़ने से प्रभावशाली कलाकार नवस्थापित राज्यों के संरक्षण लेने के लिए जाने लगे
- लखनऊ में औसत उद दौला ने 1784 में बड़ा इमामबाड़ा बनवाया
- सवाई जयसिंह ने जयपुर का गुलाबी शहर तथा 5 खगोलीय वेधशालाओं( दिल्ली जयपुर मथुरा बनारस उज्जैन) का निर्माण कराया
- केरल में पद्मनाभपुरम पैलेस अपने वास्तुकला और भित्ती चित्रों के लिए प्रसिद्ध है
- कांगड़ा व राजपूताना के चित्रकला विद्यालय प्रमुखता मे आए
- उत्तर भारत में उर्दू भाषा और काव्य का विकास होने लगा था उसमें मीर साउदा, नाजिर और मिर्जा गालिब प्रमुख उर्दू कवि थे
- दक्षिण में मलयालम साहित्य फली फूली
- हीर रांझा रोमांटिक महाकाव्य( पंजाबी भाषा)