इतिहासकारों ने इस मूल प्रसन्न पर बहस की है कि भारत पर ब्रिटेन की विजय आकस्मिक अथवा जानबूझकर की गई थी या नहीं
अविलम्ब लाभ प्रशासकों की व्यक्तिक महत्वाकांक्षाएं लालच और यूरोप में राजनैतिक घटनाक्रम के प्रभाव कुछ ऐसे कारक थे जिन्होंने भारत में अंग्रेज़ी को उनका राजनैतिक क्षेत्र बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित किया
Causes british success in india
- बेहतर हथियार
- सैन्य अनुशासन
- नागरिक अनुशासन
- शानदार नेतृत्व
- वित्तीय शक्ति
- राष्ट्रवादी अभिमान
- मुगल शासन के अधीन बंगाल 1 समृद्ध सुबह था और बंगाल के नवाब इस पर शासन करते थे बंगाल के नवाब बंगाल बिहार उड़ीसा के शासक थे
- बंगाल से यूरोप में बड़ी मात्रा में निर्यात होता था
- ईस्ट इंडिया कम्पनी की बंगाल में व्यापारिक रूचि बहुत अधिक थी
- मुर्शिदकुलीख़ाँ -सुजाउद्दीन -सरफराज खान -अलीवर्दी खान
- इन शासकों के शासनकाल में बंगाल ने अभूतपूर्व प्रगति की
- बंगाल के सभी गवर्नरों ने अंग्रेजी कम्पनी के विशेषाधिकारों का का जमकर विरोध किया क्योंकि उसमें खजाने को अत्यधिक नुक्सान हो रहा था
- कंपनी ने अपने व्यापार विशेषाधिकारों का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया
- अंग्रेजों ने नवाब की अनुमति के बिना कलकत्ता की किलेबंदी शुरू की
- कम्पनी ने कृष्णदास (भगोड़े )को शरण दी
- ब्लैक होल त्रासदी
- क्लाइव ने मिर्जाफर राय दुर्लभ जगतसेठ (बंगाल के प्रभावशाली बैंकर) और अमीचन्द के साथ गठबंधन किया
- साजिश के कारण मुट्ठी बार बल ने नवाब के 50000 सैनिकों को हरा दिया
- नवाब को बंदी बना लिया गया और उनकी हत्या कर दी गई
- तलाशी के बाद अंग्रेजों ने वस्तुतः बंगाल के व्यापार और वाणिज्य पर एकाधिकार कर लिया
(प्लासी के युद्ध का महत्व )
- मीर जाफर बंगाल का नवाब बन गया
- उसने 1 बड़ी रकम और अंग्रेजों को 24 परगना जमीन भी दी
- इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश शासन की नींव रखी
- कलकत्ता पर अंग्रेजों की संप्रभुता को मान्यता मिल गई
- अंग्रेजों का सैन्य वर्चस्व दिखा
- मीरकासिम मीर जाफर के बाद नवाब बना (मीर जाफर अंग्रेज़ी हस्तक्षेप से नाराज था )
- मीर कासिम ने विवादों को सुलझाने के लिए 1760 में अंग्रेजों के साथ 1 संधि पर हस्ताक्षर किए
- मुर्शिदाबाद से मुंगेर राजधानी स्थान्तरित
- मीर कासिम ने अंग्रेजों के लिए कठपुतली के रूप में कार्य नहीं किया जैसे वे उम्मीद कर रहे थे
- दस्तक के दुरुपयोग से कर राजस्व में भारी नुक्सान हुआ
- मीर कासिम ने भारतीयों को भी मुक्त व्यापार की आज्ञा दे दी किंतु अंग्रेजों ने इसका विरोध किया
- 1763 में अंग्रेजों और मीर कासिम के बीच युद्ध का प्रारम्भ हुआ
- मीर कासिम अवध के नवाब और शाह आलम सेकेंड की संयुक्त सेनाओं को 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर में मेजर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना द्वारा पराजित किया गया
- इस युद्ध में न केवल बंगाल के नवाब बल्कि भारत के मुगल सम्राट भी अंग्रेजों से हार गए थे
- दो संध्या एक अवध के नवाब और दूसरे मुगल सम्राट सालम द्वितीय के साथ की गई
- नवाब शुजाउद्दौला सहमत हुए
- अहमदाबाद और कारा को सम्राट शाह आलम द्वितीय को सौंप दिया
- कम्पनी को युद्ध क्षतिपूर्ति के रूप में 5000000₹ का भुगतान
- बनारस के जमींदार का उनके राज्य पर पूर्ण अधिकार
- शाहआलम द्वितीय ने सहमति व्यक्त की
- बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी ईस्ट इंडिया कम्पनी को 2600000 रूपये के वार्षिक भुगतान केवल में दिया गया
- प्रान्तों के निजामत कार्यों( सैन्य रक्षा पुलिस और न्याय प्रशासन) के बदले में कंपनी को 5300000₹ का प्रावधान
- रोबर्ट क्लाइव ने सरकार की 2हरी प्रणाली की शुरूआत की यानी दो का शासन कम्पनी और नवाब
- दीवानी राजस्व एकत्र करने का अधिकार कम्पनी के पास था और निजामत (प्रशासनिक जिम्मेदारी) नवाब के अधीन थी
- कंपनी के पास ज़िम्मेदारी के बिना सारी शक्ति थी जबकि नवाब के पास शक्ति के बिना सभी ज़िम्मेदारी थी
- वारेन हेस्टिंग्स ने इसे 1772 में समाप्त कर दिया
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