मैसूर की सख्ती को मद्रास पर अंग्रेज़ों के नियंत्रण के लिए भी खतरा माना गया- हैदर अली के नेतृत्व में मैसूर 1 शक्तिशाली राज्य के रूप में उभरा
- हैदर ने अपनी सेना के लिए प्रशिक्षण के पश्चिमी तरीकों की शुरुआत की
- हैदर ने मराठा पर अनेक बार धावा बोला और अपने सारे खोए हुए प्रदेश वापस पा लिए
पृष्ठभूमि
- अंग्रेजों ने हैदराबाद के नवाब 1766 के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किेए । नबाव को उत्तरी सरकार क्षेत्र देने के लिए राजी किया और इसके बदले में अंग्रेजों ने नवाब को हैदर अली से सुरक्षा देने का वादा किया
- कम्पनी + मराठा +निजाम ने एक गठबंधन बनाया उन्होंने मैसूर पर हमला किया
- युद्ध डेढ़ वर्ष तक चलता रहा
- हैदर अली अचानक मद्रास के दरवाजे पर आ पहुँचा
- उसने अंग्रेजों को मद्रास की 1 बहुत ही अपमानजनक संधि पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया
- हैदर अली को अंग्रेजो की सहायता का वचन दिया गया बशर्तें उस पर अन्य किसी शक्ति ने हमला कर दिया
- कैदियों का आदान प्रदान
पृष्ठभूमि
- मराठा ने 1771 में मैसूर पर हमला किया लेकिन अंग्रेज हैदर अली की मदद के लिए नहीं आए
- हैदर ने पाया कि फ्रांसीसी उसकी सेना की आवश्यकता को पूरा करने में अंग्रेजों की तुलना में अधिक उपयोग थे
- अंग्रेजों ने माहे पर कब्जा करने की कोशिश की इसीलिए हैदर ने अपने अधिकार के प्रति इसे सीधी चुनौती माना
- हैदर ने मराठा और निजाम के साथ गठबंधन किया
- और कोर्ट पर कब्जा किया और अंग्रेजी सेना को हराया
- गठबंधन टूट गया
- 1782 में हैदर की मृत्यु हो गई अब उसके पुत्र टीपू ने 1 वर्ष तक युद्ध जारी रखा
- दोनों ने एक दूसरे के जीते हुए प्रदेशों को वापस लौटा दिया
- परिणाम -कोई नहीं जीता
3rd anglo mysore war (1790-1792 )
पृष्ठभूमि
टीपू ने त्रावणकोर से युद्ध की घोषणा की लेकिन त्रावणकोर के साथ अंग्रेज थे
युद्ध :-
अंग्रेज +निजाम+ मराठा गठबंधन ने श्रीरंगपट्टनम में टीपू को हराया
श्रीरंगपट्टनम की संधि हुई
विजेताओं ने आधे से अधिक क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था
टीपू से 30000000 युद्ध क्षति के रूप में मांगे गए
टीपू के पुत्र को बंधक के रूप में ले जाया गया जब तक युद्ध क्षति का सम्पूर्ण भुगतान नहीं किया जाता
पृष्ठभूमि :-
- टीपू ने 1700 बाण में से 1799 की अवधि में अपने नुक्सान को भरने का प्रयास किया तथा फ्रांसीसियों के साथ निकटता बढ़ाई
- वेलेस्ली ने टीपू के ख़िलाफ़ आरोप लगाया कि उसने अरब तुर्क और अफगान से सम्बन्ध बनाने का प्रयत्न किया था
- टीपू ने सहायक संधि में शामिल होने से इंकार कर दिया
- अंग्रेजों ने मैसूर पर आक्रमण किया और उसकी सहायता मराठा और निजाम ने की
- टीपू श्रीरंगपट्टनम में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुआ
- टीपू के बेटे को वेल्लोर भेजा गया
- ईस्ट इंडिया कम्पनी के तहत मैसूर रियासत बन गया
- वोडयार वंश के 5 वर्षीय बालक को राजा बनाया गया