मेसोपोटामिया की सभ्यता

Era Sharma
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मेसोपोटामिया का इतिहास 



          इतिहासकारों का मत है कि शहरी जीवन की शुरुआत मैसोपोटामिया से हुई फरात यानी (Euphrates) और दजला (Tigrish) नदी के बीच स्थिति है। प्रदेश वर्तमान समय में इराक गणराज्य का हिस्सा है। मेसोपोटामिया की सभ्यता अपने शहरी जीवन विशाल एवं समृद्ध साहित्य गणित एवं खगोल के लिए प्रसिद्ध थी ।मेसोपोटामिया की लेखन प्रणाली पूर्व भूमध्यसागरीय प्रदेशों और उत्तरी सीरिया तथा तुर्की में 2000 ईसा पूर्व फैला ।इजिप्ट के फेेैरों के साथ भी मैसोपोटामिया की भाषा और लिपि के लिए लिखा पढ़ी जाने लगीं । लिखित इतिहास के प्रारंभिक काल में इस प्रदेश को मुख्यतः इसके शहरी प्रदेश के दक्षिणी भाग को सुमेर और ककद कहा जाता था ।

2000 ईस्वी पूर्व  को जब बेबीलोन एक महत्वपूर्ण शहर बन गया दक्षिणी क्षेत्र को बेबिलोनिया कहा जाने लगा । लगभग 1100 ईसा पूर्व से जब असीरियाईयो ने उत्तर में अपना राज्य स्थापित कर लिया इस क्षेत्र को पसेरिया कहे जाने लगा उस प्रदेश की भाषा सुमेरियन थी । धीरे धीरे 2400 ईसापूर्व जब अकेदि भाषा बोलने वाले यहां आए तो अकेदि भाषा ने सुमेरी का स्थान ले लिया । अकेदि सिकंदर के समय तक कुछ क्षेत्रीय परिवर्तन के साथ फलती फूलती रही । 1400 ईस्वी पूर्व से धीरे धीरे अरमेक भाषा का भी प्रवेश शुरू हुआ तो ये भाषा हिब्रू से मिलती जुलती थी और 1000 ईस्वी पूर्व से व्यापक रूप से बोली जाने लगीं ये आज भी इराक के कुछ भागों में बोली जाती है ।

मेसोपोटामिया और उसका भूगोल 
इराक भौगोलिक विविधता का देश है इसके पूर्वोत्तर भाग में हरे भरे ऊँचे नीचे मैदान है जो धीरे धीरे पेड़ों से घिरी एक पर्वत श्रंखला के रूप में फैलते गए साथ ही यहां स्वच्छ झरने और जंगली फल फूल भी हैं ।

यहां अच्छी फसल के लिए पर्याप्त वर्षा हो जाती है । यहां 7000 से 6000 ईस्वी पूर्व से खेती शुरू हो गई थी उत्तर में ऊंची भूमि और  स्टेपी  घास के मैदान है यहां पशुपालन खेती की उपेक्षा जीवन यापन का अच्छा साधन है। 

मेसोपोटामिया में खाद्य संसाधन चाहे जितने भी संपन्न रहे उनके यहां खनिज संसाधनों का अभाव था । दक्षिण के अधिकांश भागों में औजार मोहरे और आभूषण बनाने के लिए पत्थरों की कमी नहीं थी ।

इराकी खजूर और पॉपुलर की लकड़ी गाड़ी  , गाडि़यों के पहिये और नाव बनाने के लिए कुछ खास कारगर नहीं थी , और औजार पात्र बनाने के लिए कई धातुओं उपलब्ध नहीं थी इसीलिए हमारे विचार से प्राचीन मेसोपोटामिया के लोग संभवतः लकड़ी तांबा टंका चांदी सोना सी पी और विभिन्न प्रकार के पत्थर तुर्की ईरान या खाड़ीपार के देशों से मंगवाते थे,  जिसके लिए मैं अपना कपड़ा और खाद्य उत्पाद काफी मात्रा में निर्यात करते थे । इन देशों के पास खनिज सम्पदा की कोई कमी नहीं थी ।
लेकिन खेती करने की बहुत कम गुंजाइश थी।  इन वस्तुओं का नियमित रूप से आदान प्रदान तभी संभव हो पाता जब इनके लिए कोई सामाजिक संगठन होता जो विदेशी अभियानों और विनिमियो  में सक्षम होता । दक्षिण मेसोपोटामिया के लोगों ने ऐसा संगठन स्थापित करने की कोशिश की ।


पुराने मैसोपोटामिया की नहरें और प्राकृतिक जल धाराएं छोटी बड़ी बस्तियों के बीच माल के परिवहन का अच्छा माध्यम थी ।
इसीलिए इतिहासकारों का मानना है कि फरात नदी उन दिनों विश्व व्यापार के रूप में काफी महत्वपूर्ण थी ।
           

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