मिस्र की सभ्यता Egyptian civilisation

Era Sharma
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 भारत की ही तरह मिस्र की सभ्यता भी हजारों साल पुरानी है और अपनी ममीज , फ़ैरो और पिरामिड  के लिए दुनियाभर में मशहूर है ।

ग्रामीण और मिस्र की छवि हमारे मस्तिष्क में एक साथ बनती हैं पिरामिड ऑफ खूफू मिस्र का सबसे बड़ा पिरामिड है 




       प्राचीन मिस्र के लोग मृत्यु के बाद के जीवन पर बहुत चिन्तन करते थे उनका मानना था की मौत जीवन का अंत नहीं है अपितु जीवन का एक पड़ाव है जिसके बाद जिंदगी की एक नई शुरुआत होती है इसी कारण जब मिस्र के लोगों की मम्मी बनाई जाती थी तो उनके साथ दैनिक जीवन में काम आने वाली वस्तुएं पिरामिड के अंदर रखी जाती थी लेकिन ऐसा नहीं है कि मिस्र के हर व्यक्ति की मम्मी बनाई जाती थी बल्कि मिस्र के अमीर लोग और फेरों की ममी  बनाई जाती थी । मिस्र के लोगों का मानना था कि पुनर्जन्म संभव तो है लेकिन इसके लिए शरीर सुरक्षित होना चाहिए इसके लिए में शरीर के अंदरूनी अंगों को निकालते थे और मस्तिष्क को नाक के  द्वारा निकालते थे  लेकिन दिल को नहीं निकालते थे ,चूंकि वे लोग मानते थे कि दिल आत्मा का प्रतीक है निकाले गए अंगों को अलग सुरक्षित किया जाता था फेरों के साथ उनके नौकरों को भी जिंदा दफन कर दिया जाता था इसके लिए मैं पहले उनके सिर पर वार करके पहले उसे बेहोश कर देते थे और बाद में जिंदा दफन कर देते थे 

 मिस्र के फ़ोन मोटे होते थे लेकिन चित्रों में उन्हें हष्ट पुष्ट दिखाया गया है लेकिन रिसर्च के अनुसार  पाया गया कि उनकी कमर चौड़ी होती थी , उनकी खुराक में शराब ब्रैड शहद बियर अंजीर ड्राई फ्रूट्स और ज्यादा शुगर वाले पदार्थ होते थे जिसके कारण ज्यादातर फेरोन डायबिटीज के शिकार होते थे 

    पिरामिड गुलामों के द्वारा नहीं बल्कि प्रशिक्षित कलाकारों के द्वारा बनाए जाते थे और उन्हें उनके काम का सही वेतन भी मिलता था । प्राचीन मिस्र में 2000 से अधिक देवी देवताओं की पूजा की जाती थी और उनका हर भगवान ज़िंदगी ये किसी न किसी हिस्से से जुड़ा होता था जैसे जीवन के लिए अलग भगवान मृत्यु के लिए अलग भगवान मौत के भगवान को अनुवीचि कहते थे अमुनाह नामक भगवान को भगवानों को भगवान मानते थे , प्राचीन मिस्र निवासी भूत प्रेत और पिशाच पर भी विश्वास करते थे उनका मानना था कि राक्षस इन्सान से तो ताकतवर है लेकिन भगवान से नहीं ।

   



 प्राचीन मिस्रवासी वैज्ञानिक और गणितज्ञ भी थे उन्होंने बेहतरीन स्मारक मेडिसीन्स और कॉस्मेटिक्स बनाये थे उनका अपना कैलेंडर था अपने म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट थे उन्होंने बड़े बड़े शिप बनाए थे उन्होंने कई ऐसी चीजें बनाई जिन्हें हम आज भी प्रयोग करते हैं जैसे टूथब्रुश टूथपेस्ट पेन ताला और चाबी । 



      प्राचीन मिस्र के डॉ 1 ही अंग का अध्ययन करते थे और 1 डाक्टर 1 ही बीमारी का विशेषज्ञ होता था 



          मिस्र में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्ति मिस्र की महिलाएं जमीन खरीद सकती थी जज बन सकती थी और अपनी वसीयत लिख सकती थी अगर  वे बाहर काम करने जाती थी तो उन्हें पुरुषों के बराबर वेतन मिलता था कई बार महिलाओं ने मिस्र पर राज भी किया 

       मिस्र के लोग बालों से नफ़रत करते थे प्राचीन मिस्रवासी मानते थे कि शरीर पर बाल होना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है , प्राचीन मिस्र की पेंटिंग में जो सिर के ऊपर बाल दिखते हैं वो असली नहीं बल्कि विग है जिसे टोपी की तरह पहना जाता था ताकि सूरज की धूप सीधा शरीर पर न पड़े ।

    प्राचीन मिस्र में मेकअप का बहुत चलन था जांच के दौर में महिलाएं ही मेकअप करती है वहीं प्राचीन मिस्र में पुरूषों का मेकअप करना आम बात थी में सुरमा का प्रयोग करते थे उनका मानना था कि हरा और काला सूरमा उन्हें सूर्य की हानिकारक किरणों मक्खियों और बीमारियों से बचाता है 

   मुंह को साफ रखना बहुत महत्वपूर्ण था यहां तक कि मम्मी के साथ भी टूथपिक और टूथब्रुश मिलते हैं.

 मिस्र के लोगों को बिल्लियों से बहुत लगाव था मिस्र के लोग सभी जानवरों को भगवान का प्रतीक मानते थे लेकिन सभी जानवरों में भी लिखा अलग स्थान था , वे लोग बिल्लियों को अच्छे भाग्य का प्रतीक मानते थे ।

    जब भी उनकी पालतू बिल्ली मर जाती थी तो वे अपने आंखों के ऊपर के बालों को सेव कर देते थे और वे बिल्लियों की मम्मी बनाते थे और उन्हें चूहों और 1 कटोरी दूध के साथ दफनाया जाता था 

प्राचीन मिस्र के लोग मनोरंजन के लिए अलग अलग बोर्ड गेम खेलना पसंद करते थे उनमें से सबसे प्रमुख गीता सीनेट जिसे 2000 सालों तक खेला गया यह आज के लूडो की तरह खेला जाता था 



   द ग्रेट इस फिक्स ये दुनिया की सबसे शानदार स्मारक में से 1 है जिसका सिर इन्सान का है और धड़  शेर का इस 1 बड़े चूना पत्थर से काटकर बनाया गया इस स्मारक की नाक का गायब होना दुनिया के सबसे बड़े रहस्यों में से 1 माना जाता है 


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