ब्रिटिश विजय के साथ भारत की स्थिति

Era Sharma
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 औरंगजेब (1658 से 1708 )के शासनकाल ने भारत में मुगल शासन के अंत की शुरुआत का संकेत दिए 

मुगलों के सामने चुनौतियां 


  • पार्षद सम्राट नादिर शाह ने 1738-39 में भारत पर आक्रमण किया और लाहौर पर विजय प्राप्त की और 13 फरवरी 1739 को करनाल में मुगल सेना को पराजित किया 
  • बाद में मोहम्मद साहब को कैद कर लिया और दिल्ली में लूटपाट की मयूर सिंहासन तथा कोहिनूर हीरा और 700000000₹ लूटे गए 
  • नादिर शाह ने काबुल से ही सिंधु नदी के पश्चिम में प्रदेश स्थापित किया 
  • भारत फिर से उत्तर पश्चिम से असुरक्षित हो गया 

अहमद शाह अब्दाली 

  • 1748 और 1767 के बीच कई बार भारत पर आक्रमण किए 
  • मुगल का उत्पीड़न किया 
  •  अब्दाली ने पानीपत के तीसरे में मराठों को पराजित किया क्यूंकि रघुनाथ राव ने उसके दूध को दिल्ली से निकाला और पंजाब पर क़ब्ज़ा कर लिया था 

औरंगजेब के बाद कमज़ोर शासक 1 आंतरिक चुनौती

बहादुरशाह 

  • औरंगजेब के सबसे बड़े पुत्र 
  • अपने भाइयों को मारना पड़ा 
  • उन्होंने मराठों राजपूतों और जाटों के साथ 1 प्रशांत नीति अपनाई 
  • सिखों से संघर्ष 
  • 1712 में मृत्यु हो गई 

   जहांदार शाह 1712 से 1713 

इजारा प्रणाली( लैंड रेवेन्यू) शुरू की जजिया को समाप्त कर दिया 

फारूख सीयार( 1713 से 1719 )

  • सैयद बंद होगी मदद से ज़्यादा शाह की हत्या के बाद गद्दी संभाली
  • धार्मिक रूप से सहिष्णु( जजिया और तीर्थयात्रा कर समाप्त )
  • 1717 में फारूखसियार फरमान जारी किया गया 
मोहम्मद शाह( 1719-48 )

  • सैयद बंद होगी हत्या की 
  • बाजीराव प्रथम ने दिल्ली पर हमला किया 
  • नादिर शाह द्वारा पराजित हुए 
अहमद शाह( 1748-1758)
अक्षम शासन 
राज्य के मामले उधमबाई के हाथ में थी 
आलमगीर सेकेंड (1754 से 1758 )
  • अहमद सावधानी ने आक्रमण किया 
  • प्लासी की लड़ाई 1757 
शाहजहां तृतीय( 1758-1759 )
शाहआलम द्वितीय( 1759-1806 )
  • उनके शासनकाल में पानीपत का त्र तेज 1761 हुआ 
  • बक्सर की लड़ाई 1764( जारी किये गये फरमान ने बंगाल बिहार और उड़ीसा दीवानी अधिकार कंपनी को दे दिए( इलाहाबाद की संधि )
   बहादुरशाह जफर( बहादुरशाह सेकेंड 1837 से 1857 )
  • 1857 का विद्रोह 
  • अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ लिया और रंगून भेज दिया 
  • महारानी विक्टोरिया की घोषणा के बाद 1 नवम्बर 1858 वो मुगल साम्राज्य का अंत हो गया 
मुगल साम्राज्य का पतन क्यों हुआ 
  • कमज़ोर उत्तराधिकारी बाद के मुगल 
  • उत्तराधिकार के निश्चित क़ानून की अनुपस्थिति 
  • औरंगजेब की धार्मिक और डेक्कन की नीतियां 
  • साम्राज्य बहुत बड़ा था 
  • बाह्य आक्रमण  
  • आर्थिक हरास
  • यूरोपियन आगमन 
  • सेना की गिरावट 
  • क्षेत्रीय आकांक्षाओं का उदय 
जमींदारों की निष्ठा में तब्दीली 
  • ज़मींदार अपनी ज़मीन के आनुवांशिक मालिक थे जिन्हें वंशानुगत आधार पर कुछ विशेष विशेष अधिकार प्राप्त हैं और उन्हें राय राजा थ ठाकुर देशमुख को के नाम से जाना जाता था बहुत से स्थानीय जमींदार साम्राज्य में दूसरे शक्तिशाली वर्ग की सहायता करते थे 
जागीरदारी समस्या 
  • कुलीन वे लोग थे जिन्हें या तो बड़े जा जागीर और मन सब दिये गये थे या मुगल सूबे के सूबेदार नियुक्त किये जाते थे और यह की व्यवस्था बनाये रखने का दायित्व भी उन्हें सौंपा गया था 
  • धर्म मातृभूमि और जाति वर्ग के आधार पर कुलीन में कुछ फूटती विभिन्न दलों में आपसी प्रतिद्वंद्विता ईर्ष्या और सत्ता के लिए लड़ाई हुई 

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